बोधकथा

दानवीर स्वतंत्रता सेनानी

मजहरुल हक का जन्म 22 दिसम्बर 1866 को पटना जिले के मानेर थाना के ब्रह्मपुर में हुआ था। उनके पास काफी जमीन थी, जो कि उनके रिश्तेदारों द्वारा उन्हें दान की गई थी । वे 1900 में सिवान जिला के फ़रीदपुर गांव में बस गए। उन्होंने गांव में एक घर का निर्माण किया और इसका नाम ‘आशियाना’ रखा।

सन 1927 में पंडित मोतीलाल नेहरु, 1928 में श्रीमती सरोजनी नायडू, पं मदन मोहन मालवीय, के.एफ. नरिमन, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ने फरीदपुर में उनके घर ‘आशियाना’ आये थे । उनके पिता शेख अमुदुल्ला हाज़ी थे।

उनके पिता स्वयं में एक अमीर जमींदार थे। पटना के सदाकत आश्रम, जहाँ अभी प्रदेश काँग्रेस का प्रदेश मुख्यालय है, उनकी ही दान की हुई जमीन है। पटना अवस्थित ‘अरबी-फारसी विश्वविद्यालय’ उनके नाम से है। कांग्रेस अधिवेशन में भी उनकी अहम भूमिका रही।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.