कविता

प्रेम

चुभती है सांसे
जब देर करते हो तुम
मुझ तक आने में

धड़कने धड़कती है तेज
बेताब नजरें ढूंढती है तुम्हें
यूं न मुझे तड़पाया करो

मेरी पलको में आकर
बस जाया करो
सुकून मिल जाए मुझे
तेरी मौजूदगी से
बस इसका ख्याल तुम रखा करो

लड़खड़ाने लगती है मेरी जुवान
डगमगाते है कदम
साँसों का चढ़ना उतरना
घबराहट का आना जाना
सबकुछ सहना पड़ता है मुझे

सुनो !
कुछ काम छोड़ ही देना
कल पर
बस मेरा ख्याल अपनी बाहों में समेटे रखना

और वक्त निकलने से पहले
वक्त पे आ जाया करना
जिंदगी मेरे…..,

*बबली सिन्हा

गाज़ियाबाद (यूपी) मोबाइल- 9013965625, 9868103295 ईमेल- [email protected]