डिप्टी कलेक्टरी से पीएम तक
भारतरत्न और निशान -ए- पाकिस्तान “मोरारजी देसाई” सर । जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद सर्वाधिक योग्य केंद्रीय मंत्री “मोरारजी देसाई” जब भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन पाए, तो उनका कांग्रेस पार्टी से मोहभंग हो गया, फिर जनता पार्टी के गठन के बाद व जेपी आंदोलन के बाद मोरारजी भाई रणछोड़दास देसाई देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हुए। वे सख्त भी रहे !
वे मुख्यमंत्री रहे सौराष्ट्र (गुजरात) यानी बम्बई प्रान्त के, जो कि कालांतर में गुजरात और महाराष्ट्र के रूप में नामान्तरित हुए। उनके मंत्रिमंडल में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नाडीस इत्यादि रहे। वे देश के वित्त मंत्री भी रहे थे । डिप्टी कलक्टरी से प्रधानमंत्री पद तक पहुँचनेवाले एकमात्र व्यक्ति भी थे !
अपने उप प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की महत्वाकांक्षा के कारण उन्हें त्यागपत्र देने पड़े । उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारतरत्न’ सहित पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान ‘निशान -ए- पाकिस्तान’ भी प्राप्त हुए, ऐसा प्राप्त करनेवाले वे संसार के एकमात्र व्यक्ति हैं ! वे 81 वर्ष की आयु में देश के प्रधानमंत्री बने। वे स्वमूत्र चिकित्सा पद्धति के प्रयोगशाला भी थे । उनकी जन्मतिथि तो 4 चार साल में एक बार ही आती है यानी 29 फरवरी को।