ग़ज़ल
वक्त नहीं बेकार करेगे।
हर सपना साकार करेंगे।
दिनभर उससे प्यार करेंगे।
एक नया व्यापार करेंगे।
अच्छा अब व्यवहार करेंगे।
ग़लती को स्वीकार करेंगे।
चाहा है इस दिल ने जिसको,
आँखें उससे चार करेंगे।
जिससे दिल को राहत मिलती,
उसका ही दीदार करेंगे।
— हमीद कानपुरी