बहस में टंगड़ी
आजकल विचार-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बीमार दौर चल रहा है । हर किसी बहस में टंगड़ी मार विचार-अभिव्यक्त करना फैशन हो गया है !
हमारे संविधान में अनु.-19 क में हम भारतीयों के लिए विचार-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात है, परंतु यह भारत की अखण्डता, गोपनीयता, एकता की अक्षुण्णता को नज़रअंदाज़ कर नहीं !
इसलिए किसी भी भारतीयों को देशहित से ऊपर उठकर स्वयं के अनाप-शनाप विचार-प्रकटीकरण की छूट नहीं मिलने चाहिए, चाहे आम लोग हो, पत्रकार हो, सत्ताधिकारी हो , नेता या जज ही क्यों ना हो ?
अगर देश ही अपना नहीं रहे, तब हम शरीर से ही नहीं , विचार को भी आदान-प्रदान नहीं कर सकेंगे !