काशी नगरी
काशी नगरी के नाम मात्र से
चेहरे पे एक मुस्कान आ जाए!
भीनी भीनी सुगंधित स्मृतियों
और प्रेम से मन भर जाए!
प्रातः काल का दैविक दर्शन
परम आनंद की अनुभूति दिलाए!
आरती देख कर ऐसा लगे
कि गंगा मैया भी कृपा बरसाए!
भोलेनाथ की असीम कृपा,
हर आगंतुक पर हो जाए!
‘हर हर महादेव’ बोल
क्षणभर में सब कार्य संभव हो जाए।
वरुणा से अस्सी घाट तक
मधुर मनोहर गीत गुनगुनाए!
हो मन अशांत तो घाट पर
कुल्हड़ की चाय भी चमत्कार दिखाए!
प्रसन्न,भावुक, हर्षित, प्रफुल्लित
सारे भाव एकसाथ उमड़ आए!
मन बार-बार एक ही रट लगाए
कि एक बार फिर बनारस हो आए!