कविता

नया साल नया दौर

जीवन के रंग मे खुशियों के संग मे ,
सुबह की लाली, घटा शाम की तन्हाई मे ,
हरे-भरे पेड़ों पर ,चिड़िया चहकती रहें ,
खेत-खलिहानों में,फसल लहलहाती रहे ,
नयी रोशनी में , नये  जीवन की शुरुआत हो ,
सबको जीने की नई दिशा, नयी राह मिले।
गाँव मे खुशियों की, नयी सौगात हो ,
सबको अपनी अभिव्यक्तियों का नया संसार मिले ।
मन मस्तिक मे नव दुनिया की स्वागत की आशायें हो ,
जीवन मे नये उद्देश्यों की लौ जले ,
प्रेम की ज्योति जले खुशबुओं की महक उठे ,
विज्ञान , तकनीकी , साहित्य की ज्वाला और जले ,
दुनिया में कला , नृत्य , लोक नृत्य का विकास हो ,
सभ्यता और संस्कृति का नया आयाम मिले ,
दुनियाँ में सभी का सभी से भाईचारे का संबंध हो ,
ना झगड़ा ना झंझट,न हाथापाई  का वास हो ,
राहों-राहों मे दिल और प्यार का मिलन हो ,
जाति धर्म को मिटाकर सबकी धड़कनो की आवाज़ बनों ,
ऐसी  हो नये साल की शुरुआत ऐसा नया साल हो ,
नये साल मे नया दौर की जज्बात हो !
— रुपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]