कविता

नव वर्ष

उदित नव वर्ष आया,
अब नव उमंग जागे
हम सबकी चेतना में,
अब नव तरंग जागे
नव दीप प्रज्वलित हों,
सब अंधकार भागे
नव प्रेम प्रस्फुटित हो,
सब अहंकार भागे
नव राग रागिनी हो,
अब उल्लास जागे
नव पुनर्जागरण हो,
अब देव शक्ति जागे
नव शांति प्रकट हो,
सब राग-द्वेष भागें
नव आरोग्य चमके,
सब रोग दोष भागें।

लवी मिश्रा

कोषाधिकारी, लखनऊ,उत्तर प्रदेश गृह जनपद बाराबंकी उत्तर प्रदेश