यादें अमर रहेगी
श्रद्धेय छेदी पंडित चाचा
और श्री प्रणयी सर
अध्यात्म के साथ-साथ
इन विचारों से जुड़ रहे थे,
इसी बीच
देवेश जी
और किशोर लेखनी के
लंगोटिया यार बन गया….
एक दिन बाबूजी की
उपस्थिति में
‘बाल दर्शन’ की
प्रधान संपादिका
श्रद्धेया मानवती आर्य्या से
‘अर्जक निवास’ पर मुलाकात,
लंबी बातचीत भी हो पाई !
अर्जक निवास में
बाबूजी के साथ
रातें भी बिताई है
और अंतिम यात्रा में भी
साथ था….
यादें अमर रहेगी,
बाबूजी !