गीत/नवगीत

ऐसा हो अपना हिंदुस्तान

मन में भरा एक सुंदर सपना सा लेकर अरमान
देश में हो खुशहाली एकता ऐसा हो अपना हिंदुस्तान.

जात-पात धर्म लिंग भेद भुलाकर इंसान को माने
एक दुसरे के सुख दुःख को सब अपना सा ही जाने.
गरीब अमीर में बैमनस्य लेकर कुरेद भी न मन जान
देश में हो खुशहाली एकता ऐसा हो अपना हिंदुस्तान.

मन में सब भाषाओ का समुचित पाया सम्मान हो
हिंदी को राष्ट्रीय भाषा दर्जा में पाया स्वाभिमान हो.
जीवन में अधिक से अधिक ज्ञान पाने में लगे कमान .
देश में हो खुशहाली एकता ऐसा हो अपना हिंदुस्तान.

देश प्रेम का ध्येय हमारा भावी पीढ़ी को देना संदेश
संस्कार और उच्चविचारों नैतिकता का बना हुआ भेष
हमको मिलकर अपना पग हर दिशा में लेकर निशान.
देश में हो खुशहाली एकता ऐसा हो अपना हिंदुस्तान.

— रेखा मोहन

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]