सफाईकर्मी
लॉकडाउन में सफाईकर्मियों और बैंककर्मियों, पत्रकार तथा पोस्टमैन की भी महती भूमिका रही है, वो भी तो वारियर्स हैं, इन पर विमान से पुष्पवर्षा होनी चाहिए । ज्ञात हो, गत वर्ष माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की पहल पर अखिल भारतीय चिकित्सा बोर्ड ने भारत भर के सभी एलोपैथिक चिकित्सकों के लिए आदेश जारी किया है कि अब वे प्रेस्क्रेप्शन पर सस्ती व जेनेरिक दवाइयाँ लिखे तथा रोगियों पर आर्थिक भार कम देने के उद्देश्य से ज्यादा मात्रा में दवाइयाँ न लिखें, बावजूद इस आदेश को नज़रअंदाज़ कर चिकित्सकों द्वारा दवाई कंपनियों से कमिटमेंट कर तथा एम.आर. से पैसे की लेन-देन कर महँगी दवाई धड़ल्ले से लिख रहे हैं । जो गरीब रोगियों के लिए घातक तो है ही, साथ ही ऐसे डॉक्टरों के लिए भी यह आत्मघाती कदम है । विद्वान् चिकित्सकों को यह समझना चाहिए, क्योंकि यह देशद्रोह जैसे कृत्य हैं । कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों को मुफ्त में इलाज़ करे प्राइवेट डॉक्टर और मुफ्त में दवाई दे प्राइवेट दवाखाना । सफाईकर्मियों की भी अहम भूमिका रही है । अब तो बिहार स्कूलों में जो क्वारंटाइन सेंटर बनी है, तो क्या अब नियोजित शिक्षकों को कोरोना वारियर्स का दर्जा मिलेगी और खतरे के कारण उन्हें बीमा की जाएगी।