आपसदारी
ये महिलाएँ भी
गजब की होती हैं,
जब उनसे दूर रहो,
तो वो निकट आएगी !
जब उनसे घनिष्ठ हो जाओ,
तो वो दूर जाने लगती हैं !
देश के गली-चौराहे पर
हुए नेतवन;
जो जाति, धर्म के हिसाब से
राजनीतिक दल बदलते;
खुद जिलाध्यक्ष,
तो बीवी को
महिला मोर्चाध्यक्ष बनाते !
‘राजनीतिक दलों’ का जिक्र
भारत के मूल ‘संविधान’ में नहीं है!
हमें चुनावों में
निर्दलीय उम्मीदवारों को
वोट डालने की
आदत डालनी चाहिए!