बहुत कोमल हैं पंखुड़ियाँ
बहुत कोमल हैं पँखुड़ियाँ
तुम्हारे फूल की-
पर विचारों की भूमि तेरी;
इतनी कट्टर, अनुर्वर क्यों है ?
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शादी हो या ना हो,
दीगर बात है;
पर कनखियों से
प्यार होती रहे !
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हर वो स्पर्श पुण्य है
जब हम
किसी अनजान की देह को-
निःस्वार्थ प्रेम के साथ छूते हैं!
हर वो स्पर्श पाप है-
जो शर्त्त, शादी
या कॉन्ट्रैक्ट से प्राप्त होते हैं!
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हिंदी के महान पत्रकार
और स्वतंत्रता सेनानी
गणेश शंकर विद्यार्थी के
जन्मदिवस पर सादर नमन
और नम आँखों से
विनम्र श्रद्धांजलि !
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दीपावली की रात
दस गुने प्रदूषित होते हैं !
“हमारा पर्यावरण”
किन्तु मच्छरों और कीटों से भी
हमें मुक्ति मिलती हैं !
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नो बिजली बल्ब, नो मोमबत्ती !
सिर्फ़ सरसों तेल सनी बाती लिए
मिट्टी के दीपकों को जलाएँ
और कुम्हारों को मिठाई दें !
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भारत में गरीबी
‘अंध’ आस्था के कारण है
मेरे गरीब सगे-सम्बन्धी कर्ज़ लेकर
आस्था को जीवित रखे हुए हैं !
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मुझे मूरख, पागल
और न जाने क्या-क्या कहा ?
कहनेवाले भी आखिर,
सनकी और सड़े क्यों है ?