मिट्टी का गुल्लक
क्या यह सच है,
भैंस का दूध पीने से
बुद्धि ‘मंद’
अथवा ‘थेथर’ होती है ?
एक देहाती कहावत !
हाँ, हम काले हैं;
काली होती है जैसे चट्टान;
फूटती है जिसके भीतर से;
निर्झर की बेचैन धारा;
जिससे दुनिया की
प्यास बुझती है !
यह खगेन्द्र ठाकुर कहीस!
कुछ मजबूत चीजें
कमजोर घेरे में ही
सुरक्षा पाती हैं;
जैसे- धातुओं के सिक्के
मिट्टी के गुल्लक में ही
सुरक्षा पाती हैं !
सुभाष कामत कहीस !
अगर पुरुष महान हो,
तो उन्हें ‘महापुरुष’ कहेंगे,
महादेव नहीं;
जब महिलाएं ‘महान’ हो,
तब उन्हें हम क्या
‘महामहिला’ कह पाएंगे ?
‘महापुरुष’ शब्द
पर बैन लगना चाहिए,
क्योंकि जब कोई महिलाएं
या स्त्रियाँ
‘महान’ हो जाती हैं,
तब हम उन्हें क्या
यह शब्द कह पाएंगे?
तुम्हें तो
‘पलंग’ भी नसीब है, दोस्त !
मैं तो चार पुख्तों से
पलंग पर नहीं सोया हूँ !