कविता

कविता

उठो,जागोऔर तब
तक रुको नही
जब तक लक्ष्य प्राप्त
न हो जाए”।
महान विचारक
देशप्रेमी ,वक्ता, युग प्रवर्तन
युवाओंके प्रेरणा
स्वामी विवेकानंद
भारत मां के लाल ने
सनातन धर्म ,हिन्दी भाषा ,
हिन्दू संस्कृति में,प्रेम ,सहिष्णुता
मानवता है सर्वोपरि
विश्व में शान्ति का दिया संदेश
देश का विश्व मे मान बढाया
 देश मे,हर नर ,नारी हो
स्वालम्बी,शिक्षित
ना रहे जात पात का दानव
घृणा सब से मिट जाये
नवभारत का निर्माण हो
देश बढ़े प्रगति पथ पर
चले सत्य,की राह पर
ऐसा हम सब ले प्रण
 विवेकान्द के बताये रास्ते चले
तभी बन पायेगा देश जगत गुरु ।।
— बबिता कंसल 

बबीता कंसल

पति -पंकज कंसल निवास स्थान- दिल्ली जन्म स्थान -मुजफ्फर नगर शिक्षा -एम ए-इकनोमिकस एम ए-इतिहास ।(मु०नगर ) प्राथमिक-शिक्षा जानसठ (मु०नगर) प्रकाशित रचनाए -भोपाल लोकजंग मे ,वर्तमान अंकुर मे ,हिन्दी मैट्रो मे ,पत्रिका स्पंन्दन मे और ईपुस्तको मे प्रकाशित ।