कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है, अफवाहों से सचेत रहे।
आज कल मुझे कुछ मित्र और जान पहचान वालों के फ़ोन आते है और जहाँ कोई मिल जाता है, पूछता है , ” डॉक्टर साहिब आप ने कोरोना का टीका लगवा लिया क्या ?”
जब मैं कहता हूँ की नहीं, मैं सीनियर सिटीजन के श्रेणी में आता हूँ और देश भर के 1 करोड़ के करीब डॉक्टर और अन्य सेहत कर्मियों के उपरांत लगभग 2 करोड़ अन्य फ्रंट लाइन वर्कर्स के बाद मेरा नंबर आये गए तो उनका अगला प्रश्न होता है, ” डॉक्टर साहिब, क्या आप वैक्सीन लगवायेगे ? ”
” जी हाँ, क्यों नहीं ? ”
दरअसल जब से कोरोना वायरस के विरुद्ध टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू हुआ है तब से सोशल मीडिया पर वैक्सीन की गुणवन्ता और सुरक्षा को लेकर कई तरह के प्रश्न उठाये जा रहे है और अफवावे फैलाई जा रही है। स्वाभाविक है की आम लोग संदेह तथा आशंका की नज़र से देखने लगे है।
यह स्वाभाविक है । यह मनुष्य की प्रवृति है की वो अनजाने भय से आशंकित रहता है, जैसे किसी भी तरह के ऑपरेशन से पहले से।
हमारे विज्ञानिको ने रिकॉर्ड समय में कड़ी मेहनत से दो तरह की वैक्सीन तैयार की है और सरकार ने कड़े प्रशिक्षण के बाद इसे लगाने की अनुमति दी है। देश में 5 दिनों के टीका लगने के बाद कई लोगों को मामूली से साइड इफ़ेक्ट हुए है, जैसे सर और बदन दर, बुखार , जी मिचलाना आदि। शायद इस के कारण ही काम डॉक्टर और सेहत कर्मी टीका लगवाने आ रहे है। एक दूसरी वजह यह भी है की अफवाहों का बाजार गरम है।
विशेषज्ञों के अनुसार यह साइड इफ़ेक्ट किसी भी वैक्सीन से हो सकते है और लोगों को सचेत किया है की इन से ना घबराये और अफवावो से डरे नहीं , विश्वास और होंसले से वैक्सीन लगवाए। और जब तक दोनों वैक्सीन के डोज़ न लगे तब तक मास्क लगाते रहे और दो गज़ की दूरी बनाये रखे।
आदरणीय डाक्टर साहब, सादर नमन । सबसे पहले आपको जय विजय पर आने की बधाई । आपने लेख में लिखा है, वेक्सीन लगवाएं घबराएं नहीं। इस सम्बन्ध में मैंने दैनिक भास्कर में पढ़ा था की डाक्टरों ने उन लोगों को वेक्सीन लगवाने से मना किया है जिनको गंभीर लो इम्युनिटी है क्योंकि यदि उन्हें कोई एलर्जी हो गयी तो मुश्किल हो सकती है। दूसरे जिनको गंभीर एलर्जी होती है वह भी इससे बचें और ना लगवाएं, कृपया इसके बारे भी बताएं। धन्यवाद।
आदरणीय रविंदर जी। आप ने सही लिखा है की जिनकी इम्युनिटी बहुत कम है या गंभीर रोग से बीमार है या जिनको कोई एलर्जी है ,उनको ये वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। शायद यह भी एक कारण है कुछ डॉक्टर और स्वास्थय कर्मी कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए हिचकिचा रहे है। आपने मेरे पहले लेख के लिए वधाई दी और स्वागत किया उस के लिए धन्यवाद।