विज्ञान

अत्यधिक ठंड और खराब मौसम में भी अब कृत्रिम सूरज चमकेगा !

इस दुनिया के वैज्ञानिक अपनी अद्भुत कल्पनाशक्ति और अकल्पनीय सोचवाले मस्तिष्क से ऐसे-ऐसे अविष्कार करते जा रहे हैं,जिसके बारे में एक साधारण मनुष्य सोच भी नहीं सकता ! वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे सूरज की उर्जा और उसकी रोशनी हमारी आकाश गंगा के अन्य तारों की तुलना में तेजी से कम और कमजोर होती जा रही है। दुनियाभर के वैज्ञानिक दशकों से कृत्रिम सूरज बनाने की कोशिश कर रहे हैं,परन्तु वैज्ञानिकों के अनुसार कृत्रिम सूरज बनाने में सबसे बड़ी व्यवहारिक परेशानी यह है कि इस प्रक्रिया में करोड़ों डिग्री सेल्सियस गर्म प्लाज्मा को उसी हालत में रखना बहुत मुश्किल काम होता है,लेकिन अभी-अभी मिडिया रिपोर्ट्स में आई खबरों के अनुसार चीन के वैज्ञानिकों ने इस समस्या का समाधान ढूंढ निकाला है और वे एक कृत्रिम सूरज बनाने में रूस,अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए इसमें जबर्दस्त सफलता हासिल कर चुके हैं,जो इसी साल 2020 में ही इस कृत्रिम सूरज को लॉन्च कर सकते हैं। चीन की एकेडमी ऑफ सांइस से जुड़े इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाज्मा फिजिक्स के अनुसार इस कृत्रिम सूरज की टेस्टिंग अभी भी जारी है। इसे एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपर- कंडक्टिंग टोकामक या ईस्ट नाम दिया गया है इसका नाम H L-2M भी है। इसे असली सूरज की तरह डिजाइन किया गया है, यह भी सौरमण्डल के बिल्कुल मध्य में किसी तारे की तरह ही उर्जा का अकल्पनीय व अथाह भंडार उपलब्ध कराएगा। इस वैज्ञानिक तौर पर परिष्कृत कृत्रिम सूरज को एक मशीन के द्वारा पैदा किया जाता है, इस मशीन के बीच में एक खोखला बाक्स है,जिसमें न्यूक्लियर फ्यूजन मतलब परमाणु संलयन के जरिए गर्मी पैदा की जाती है। इसे एक दिन चालू रखने के लिए 15 हजार डॉलर यानि 11 लाख रूपये खर्च आता है। इस मशीन को चीन के हुन्हुई प्रांत के सांइस द्वीप में रखा गया है।
इस कृत्रिम सूरज यानि एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपर- कंडक्टिंग टोकामक या ईस्ट को मुख्यतौर पर न्यूक्लियर फ्यूजन यानि परमाणु संलयन के सिद्धांत पर बनाया गया है,इसके विपरीत दुनिया में इस समय न्यूक्लियर फिजन मतलब परमाणु विखंडन के जरिए उर्जा पैदा की जा रही है,परन्तु इस पद्धति से उर्जा पैदा करने में बहुत ही जहरीला एक कचरा पैदा होता है जो मानवप्रजाति सहित समस्त जैवमण्डल के लिए अत्यधिक नुकसानदेह है,जबकि चीनी वैज्ञानिकों द्वारा कृत्रिम सूरज न्यक्लियर फ्यूजन या परमाणु संलयन के सिद्धांत पर बनाया जा रहा है उसमें जहरीला पदार्थ या कचरा नहीं निकलता मतलब यह पद्धति स्वच्छ उर्जा का अभिनव श्रोत है। समाचार श्रोतों के अनुसार इस कृत्रिम सूरज बनाने में चीनी वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजन गैस को 5 करोड़ डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया और उस तापमान को 102 सेकंड तक स्थित भी रखा। इतने बढ़े हुए उच्चतम् तापमान पर हाइड्रोजन गैस हीलियम गैस में बनने की चेन प्रक्रिया शुरू हो जाती है,जिससे करोड़ों डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ उर्जा बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है,हमारे सूर्य में भी इसी सिद्धांत पर हाइड्रोजन से हीलियम बनने की प्रक्रिया में हमें और पूरे सौरमण्डल को अरबों सालों से उर्जा दे रहा है,जिसके फलस्वरूप पृथ्वी पर जैवमण्डल, प्रकृति आदि सभी कुछ है।
हमारे असली सूरज का तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है,लेकिन पृथ्वी पर चीनी वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए कृत्रिम सूरज का तापमान हमारे असली सूरज से करीब 10 गुना मतलब 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। कृत्रिम सूरज बनाने के लिए एक अत्यधिक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग किया जाता है। इसे बनाने में कुल 22.5 बिलियन डॉलर खर्च आया है। इस कृत्रिम सूरज से भी असली सूरज की तरह ही प्रचंड गर्मी और विद्युत पैदा किया जा सकता है इसके अतिरिक्त यह भविष्य की दुनिया म़े एक नितांत स्वच्छ वैकल्पिक उर्जा, सामरिक जरूरतों और आर्थिक प्रगति करने में भी बहुत मददगार सिद्ध हो सकता है। इस परियोजना पर हमारे भारतीय वैज्ञानिकों को भी अपनी उच्च मेधाशक्ति का परिचय देते हुए अपने प्रयास करे चाहिए, आखिर हमारे वैज्ञानिक अंतरिक्ष की दुनिया में अपने प्रतिभा का परचम लहरा ही चुके हैं,उदाहरणार्थ अपने पहले प्रयास में ही चाँद के साथ-साथ कई करोड़ किलोमीटर दूर मंगल ग्रह पर अपने मंगलयान को पहुँचाने जैसा आश्चर्यजनक काम करके दुनिया को विस्मित कर दिए हैं,जबकि अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़े खिलाड़ी कहे जानेवाले देशों यथा अमेरिका के नासा रूस के रॉसकॉसमॉस को कई असफलताओं के बाद सफलता मिल पाई,जबकि चीन और जापान मंगल पर आज तक नहीं पहुँच पाए हैं।

— निर्मल कुमार शर्मा

*निर्मल कुमार शर्मा

"गौरैया संरक्षण" ,"पर्यावरण संरक्षण ", "गरीब बच्चों के स्कू्ल में निःशुल्क शिक्षण" ,"वृक्षारोपण" ,"छत पर बागवानी", " समाचार पत्रों एवंम् पत्रिकाओं में ,स्वतंत्र लेखन" , "पर्यावरण पर नाट्य लेखन,निर्देशन एवम् उनका मंचन " जी-181-ए , एच.आई.जी.फ्लैट्स, डबल स्टोरी , सेक्टर-11, प्रताप विहार , गाजियाबाद , (उ0 प्र0) पिन नं 201009 मोबाईल नम्बर 9910629632 ई मेल [email protected]