पल
पल पल हर पल
जो पल रहा दिल के अंदर
कोई और नहीं
वही तो है वो पल
जो पल रहा मन के अंदर
तुम क्या जानो
उस पल का डर
जिसने भुला दिया
सदियों का डर
प्रेम बनकर जो समाया है
साँसों के अंदर
वो पल नहीं भूलता
मुझको हर पल
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़
पल पल हर पल
जो पल रहा दिल के अंदर
कोई और नहीं
वही तो है वो पल
जो पल रहा मन के अंदर
तुम क्या जानो
उस पल का डर
जिसने भुला दिया
सदियों का डर
प्रेम बनकर जो समाया है
साँसों के अंदर
वो पल नहीं भूलता
मुझको हर पल
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़