पिछड़ों, शोषितों, वंचितों के मसीहा
पिछड़ों, शोषितों, वंचितों के मसीहा
स्व. कर्पूरी ठाकुर के
जन्मदिवस पर नमन
कवयित्री
स्वर्णलता ‘विश्वफूल’ की
कवितारूपेण श्रद्धांजलि से
उत्तम और कोई नमनीय शब्द
या शब्दकोश नहीं हो सकते !
पढ़िए, वो कविता,
जो ‘मंडल विचार’ पत्रिका में
और कालांतर में
कवयित्री की कविता पुस्तक
‘ये उदास चेहरे’ में
यह संकलित भी हुई,
जिसे होते हुए
‘बिहार राष्ट्रभाषा परिषद’ ने
सम्मानित भी किया था….
जननायक कर्पूरी ठाकुर सर
बिहार के दो-दो बार
मुख्यमंत्री भी रहे थे….
जन्मदिवस पर
पुनश्च सादर नमन
और श्रद्धांजलि….