अखिल भारतीय साहित्य सदन” का ऑनलाइन काव्य सम्मेलन
मंडला- “अखिल भारतीय साहित्य सदन” के गत दिवस आयोजित ऑनलाइन काव्य सम्मेलन में अनेक रचनाकारों ने अपना काव्य पाठ किया ।
डॉ राजीव पांडेय , डॉ अशोक मयंक ,संचालक श्री ओंकार् त्रिपाठी ,अध्यक्ष श्री शेखर राम कृष्ण तिवारी आबू धाबी ,निक्की शर्मा , राजकुमार छपड़िया, डॉ राज लक्ष्मी जी, प्रो.(डॉ) शरद नारायण खरे (मध्यप्रदेश) , मधुर कंठ की कवयित्री डॉ नीलम खरे (मंडला), आ. शुकुन मित्तल जी, आ. कुसुमलता कुसुम जी,अर्चना गोयल माही , आशा दिनकर ‘आस’, हेमा सिंह , मालवीय जी, रवि किरण शर्मा ,मीरा कुमार मीर,सुनिता पुनिया ,चंदा देवी स्वर्णकार ने कविता पाठ किया।ओंकार त्रिपाठी जी का मंच संचालन रहा | सभी रचनाकारों ने शानदार रचनाओं का प्रस्तुतीकरण किया।
मध्यप्रदेश के सुपरिचित साहित्यकार प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे के सस्वर प्रस्तुत मुक्तक बेहद सराहे गए-
“यशस्वी है वतन मेरा,मैं इस पे नाज़ करता हूँ
भले ही आम हूँ बंदा,मगर मैं राज करता हूँ
यहाँ खुशहाल है हर एक,सुख से ज़िन्दगी रोशन,
वतन की नित्य ही जय हो,यही आवाज़ करता हूँ।”
“अखिल भारतीय साहित्य सदन” के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ रामनिवास इंडिया का संयोजन रहा| सभी कवियों ने देशभक्ति की रचनाएँ विभिन्न विषयों के अंतर्गत प्रस्तुत की | प्रकारांतर से सभी रचनाओं का सरोकार देश भक्ति से था।अंत में सदन के संस्थापक एवम् राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रामनिवास ‘इंडिया’ जी ने सबका आभार व्यक्त करते हुए, काव्य पाठ करके काव्य सभा को विराम दिया!
— प्रो शरद नारायण खरे