कविता

पक्ष

स्त्री की उत्पीड़न की
आवाज टकराती पहाड़ो पर
और आवाज लौट  आती
साँझ की तरह।
नव कोपले वसंत मूक बना
कोयल फिजूल मीठी  राग अलापे
ढलता सूरज मुँह छुपाता
उत्पीड़न कौन  रोके
मौन  हुए बादल
चुप सी हवाएँ
नदियों व्  मेड़ो के पत्थर
हुए मौन
जैसे साँप  सूंघ गया।
झड़ी पत्तियाँ मानो  रो रही
पहाड़ और जंगल कटते गए
विकास की राह बदली
किन्तु उत्पीड़न की आवाजे
कम नहीं हुई स्त्री के पक्ष में।
बद्तमीजों  को सबक सिखाने
वासन्तिक  छटा में टेसू को
मानों आ रहा हो  गुस्सा
वो सूर्ख  लाल आँखे दिखा
उत्पीडन  के उन्मूलन हेतू
रख रहा हो दुनिया के समक्ष
वेदना का पक्ष।
— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच