स्वावलंबन से समृद्धि की ओर उत्तर प्रदेश
आज जब पूरा विश्व कोरोना संकट से जूझ रहा है तो भारत भी उससे अछूता नहीं है। लेकिन एक बात जरूर है इस कोरोना संकट से निपटने में जो कदम उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उठाया है वह काबिले तारीफ है। वहीं जनता ने भी इस कोरोना संकट काल में संयम और समझधारी दिखाते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया है। वहीं सरकारी स्तर पर जो-जो कदम उठाना चाहिए सरकार कर रही है।
आजादी के बाद पहली बार यूपी को सक्षम और स्वावलंबी बनाने के लिए सरकारी स्तर पर वृहद प्रयास किये गये। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सामाथ्र्य को पहचानकर स्वावलंबन के अनुरूप नीतियां बनायी जिसका सुखद परिणाम देखने को मिल रहा है। जनता की सेवा के लिए प्रशासन तंत्र का सदुपयोग किस प्रकार किया जा सकता है उत्तर प्रदेश में लाकडाउन के दौरान यह देखने को मिला।
योगी सरकार ने न सिर्फ कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने का काम किया बल्कि संक्रमण के दौरान प्रवासी मजदूरों को लाने और उनको घर पहुंचाकर उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाकडाउन के दौरान देशवासियों से “आत्मनिर्भर भारत” बनाने का आहवान किया। प्रधानमंत्री की इस अपील का व्यापक असर हुआ। महात्मा गांधी ने स्वदेशी स्वावलंबन और ग्राम विकास की बात की थी। लेकिन हम विदेशों की नकल करते चले गये जिसका परिणाम आज हमें भुगतना पड़ रहा है। गरीबी दूर करने के नाम पर तमाम सरकारें सत्ता में आयीं लेकिन गरीबी दूर नहीं हुई। क्योंकि देश व प्रदेश के विकास के लिए योजनाएं तो अनेक सरकारों ने बनाई लेकिन लघु एवं मध्यम उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए योजना नहीं बनायी गयी। स्थानीय बाजार यहां तक की गांव की दुकानों में भी विदेशी सामान की उपलब्धता के कारण हमारे सारे कुटीर एवं छोटे उद्योग बंद हो गये। जरूरी अस्त्र शस्त्र,औषधि या अन्य आवाश्यक सामान विदेश से आयात किया जाय तो समझ मे आता है लेकिन छोटी—छोटी वस्तुएं विदेश से आयात की जा रही हैं। जिससे देश का अरबों रूपया विदेश जाता है।
आज उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से गांवों को नया जीवन देने का का काम हो रहा है। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। लाकडाउन में यह भी सिखाया गया कि सरकारी सहायता और बैंक से ऋणों का सदुपयोग कैसे करें। इसमें संदेह नहीं है कि यूपी का किसान सर्वाधिक पीड़ित है। फिर भी सरकार ने किसानों को मजबूत करने वाली योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है और हर खेत को पानी, बीज व उर्वरक समय पर मिले इसकी व्यवस्था कर रही है। सरकार किसानों को खेती के साथ फलदार वृक्षों के रोपण के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्वदेशी वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण वृहद स्तर पर सरकार द्वारा दिया जा रहा है। लाकडाउन में जहां बड़ी संख्या में माताओं बहनों ने मास्क बनाया वहीं दीपावली के मौके पर स्वयं सहायता से जुड़ी बहनों ने बड़ी मात्रा में मिट्टी के दीपक व मूर्तियों का निर्माण किया जिससे वे आत्मनिर्भर भी बनी हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने ”अपनी माटी अपना मान। अपना उद्यम अपनी शान।” के नारे को चरितार्थ करते हुए माटी कला बोर्ड बनाकर गुम होती पारंपरिक कला को पहचान देने का काम किया। योगी सरकार ने पहली बार माटी कला बोर्ड के माध्यम से प्रजापति समाज के लोगों को विद्युत चालित चाक व मूर्तियां बनाने की विभिन्न साईज की डाई नि:शुल्क वितरण कराया।
उत्तर प्रदेश के हुनरमंद कारीगरों ने माटी की कला में तकनीकि का उपयोग कर अपने सामानों से चीन निर्मित वस्तुओं को टक्कर दी। सरकार के इस कदम से जहां कुम्हारों की आर्थिक स्थिति सुधरी वहीं उन्हें घर पर ही काम मिला। कुम्हारों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर इकाइयां स्थापित करने में भी सरकार मदद कर रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संक्रमण काल में प्रदेशभर में छ: लाख नई इकाइयां खोलने का काम किया। इन इकाइयों में 23 लाख युवाओं को रोजगार दिया गया। दूसरे राज्यों से लौटे करीब 40 लाख प्रवासी मजदूरों की स्किल मैंपिंग प्रदेश सरकार ने कराई थी। इसके अलावा करीब 60 लाख लोगों को गांव के विकास से जुड़ी योजनाओं में तो करीब 40 लाख को छोटे उद्योगों यानि एमएसएमइ में रोजगार दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश भारत को आत्मनिर्भरता के रास्ते पर ले जाने के अभियान में बहुत आगे है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान में शीर्ष पर है। प्रदेश में पीएम स्वनिधि योजना के तहत 393842 लोगोंं को ऋण वितरित किया गया है। स्वरोज़गार के लिए हज़ारों उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण आबंटित किया गया है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं एक जनपद-एक उत्पाद योजना में 5000 कारीगरों को टूल किट वितरण की योजना सरकार बना रही है। सरकार का दावा है कि प्रदेश में अनलॉक के बाद सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम से जुड़े 7.80 लाख उद्योगों को दोबारा शुरू करने में सफलता हासिल हुई है।
सरकार ने कोविड प्रबंधन के मामले में एक मिशाल कायम की है। कोरोना जब शुरू हुआ तो प्रदेशभर में प्रतिदिन कुल 72 टेस्ट होते थे आज स्थिति है कि प्रदेश में पौने दो लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। यूपी के अस्पतालों में पौने दो लाख के करीब कोविड बेड आरक्षित किये गये हैं। यूपी में कोरोना शुरू होने से पहले बहुत कम मात्रा में मास्क बनते थे। आज गांव—गांव मास्क बनने लगे हैं। यूपी में 390 लैब में कोरोना टेस्ट हो रहा है। कोविड 19 से बचाव के लिए यूपी सरकार की ट्रेसिंग रणनीति भी दूसरे प्रदेशों के लिहाज से काफी अच्छी रही है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में योगी सरकार की सराहना की है।
योगी ने आपदा को अवसर में बदलने का काम किया है। कोरोना काल में भले ही पूरे देश में निवेश पर असर पड़ा हो लेकिन योगी सरकार 45000 करोड़ का निवेश लाने में सफल रही है। 28 विदेशी कंपनियां नौ हजार करोड़ का निवेश यूपी में कर रही हैं। इंडियन आयल कारपोरेशन भी यूपी के अमेेठी में तीन हजार करोड़ रूपये का निवेश करने जा रही है। योगी सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार देने का बड़ा लक्ष्य तय किया है। सरकार ने मार्च 2021 तक 50 लाख युवाओं को सेवा नियोजित करने के लिए मिशन रोजगार के तहत श्रम विभाग योजना बना रहा है।
देश में बेरोजगारी बढ़ा रही है। इसलिए अभी भी समय है कि स्वयं के संसाधनों के आधार पर अपना विकास करे। केवल स्वदेशी व स्वावलंबन का प्रचार करने से काम नहीं चलेगा। स्वदेशी पर काम करना होगा। देेश में योगगुरू बाबा रामदेव जैसे संतों ने स्वदेशी का प्रकल्प खड़ा कर जो विकल्प प्रस्तुत किया उसी तरह का प्रयास अन्य लोगों को भी करना पड़ेगा।
पिछले चार वर्षों में एक उभरते हुए यूपी की छवि बनी है। सरकार ने गांव गरीब किसानों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की। वहीं यूपी में गरीबों के लिए 30 लाख से ज्यादा पक्के घर बनाए गए हैं। यूपी ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। वहीं योगी सरकार ने पारदर्शी तरीके से तीन लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी है।”
वहीं योगी सरकार ने स्टार्टअप से जुड़े लोगों के लिए बहुत अच्छी योजना लेकर आयी है। अब उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप से जुड़े लोगों के भरण पोषण के लिए प्रति स्टार्टअप एक वर्ष तक प्रति माह 15 हजार रूपये देने का फैसला सरकार ने किया है। निश्चित ही गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जी धर्म के साथ कर्म करते हुए प्रदेश को स्वावलंबन से समृद्धि की ओर ले जाने के लिए कृतसंकल्पित हैं।
-— बृजनन्दन राजू