कविता

जिनके भविष्य अंधकारमय हैं

खुद जिनके भविष्य अंधकारमय हैं

वो पढ़ाएंगे क्या

फ़ख़्त दो पन्ने का संकल्प-पत्र लिए

उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में

जो ‘अतिथि शिक्षकों’ की बहाली हुई है,

वैसे ‘अतिथि शिक्षकों’ का क्या भविष्य है ?

इसतरह इस आतिथ्य कार्य हेतु

अटकाए जाकर

सरकार इन्हें

दिनभर

अन्य तैयारी भी

करने नहीं दे रहे हैं।

इसतरह सरकार

40 साल तक के

अभ्यर्थियों के भविष्य से

खिलवाड़ कर रहे हैं,

सब्जबाग देखने के चक्कर में

ये ‘अतिथि शिक्षक’

अपना भविष्य

बर्बाद कर रहे हैं,

क्योंकि 40 साल की उम्र तक

वह यहाँ अटक के रह जाएंगे,

फिर जब उन्हें हटाये जाएंगे,

तो वे कहीं के नहीं रहेंगे!

न उन्हें कोई

आकस्मिक अवकाश ही है,

न विशेषावकाश !

न मातृत्व

या न अन्य कोई

अवकाश ही प्राप्त !

मानदेय के रूप में

अधिकतम वेतन

25,000 रुपये

सिर्फ जुलाई माह में ही

हो सकते हैं,

अन्य माह नहीं!

क्योंकि अन्य माह में

‘रविवार’ के साथ-साथ

कोई न कोई

अन्य छुट्टियाँ भी है,

जिससे कार्यदिवस 25 से

कम हो रही है।

अतिथि शिक्षक अपने  को

ठगा महसूस कर रहे हैं !

शिक्षा विभाग के

विद्यालय में

शिक्षक नियोजन होने तक ही

‘अतिथि शिक्षक’ रहेंगे,

इसलिए तो कहता हूँ

कि अतिथि शिक्षकों का

भविष्य

अंधकारमय है!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.