प्रेम कथा
कामायनी और राष्ट्रभक्ति
कथाओं के रचयिता
जयशंकर प्रसाद के
जन्मदिवस पर
उन्हें सादर सुमन अर्पित !
××××
प्रेम में आदमी खो जाता है,
किन्तु आदमी में प्रेम को खोते
आजतक नहीं सुना है !
प्रेम सिर्फ खोने का नाम है,
प्रेम पाना एक भरम है!
××××
मैंने ऐसे मित्रों को रोज ब रोज
देखते आ रहा हूँ,
जो शादी करने के बाद
चाय तक के लिए
नहीं पूछते हैं !
××××
पसंद आना (Like)
और प्रेम करना (Love)
में
क्या अंतर है ?
××××
हर वक्त ‘राम’
(रघुपति राघव…)
कहनेवाले
‘मोहन’ (कृष्ण) को
एक भारतीय ‘राम’
(नाथू) ने ही
मार डाला,
और मरते -मरते कहा-
‘हे राम !’
××××
कुष्ठ
रोग
निवारण
दिवस पर
हम प्रण लें,
ऐसे रोगग्रसित
बंधु -बांधवों के प्रति
घृणा नहीं, प्रेम दर्शाएं!
मदर टेरेसा को
प्रेरणा मानिए!