कविता

रोजी-रोटी

बारिश से धुल गयी
‘धनतेरस’ विक्रेताओं के
अरमान….
सबसे शुद्ध
‘मिट्टी’ के बर्त्तन खरीदिये
और कुम्हारों को
रोजी-रोटी दीजिये !
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हिंदी में ऐसे अनगिनत
लेखक और कवि हो गए हैं,
जिनकी एक या दो किताब
प्रकाशित होते ही
वो अपने को
महान बेस्ट सेलर
कहलाने लग जाते हैं !
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ऐसे कई छुटभैये
‘ब्लॉगर’ हो गए हैं,
जो अपने-अपने ‘ब्लॉग’ को
इस भाँति से चलाते हैं,
मानो वो टाइम मैगज़ीन हो !

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‘सनम’ तो नहीं है
अभी,
फिर….
‘बेवफ़ा’ किसे कहूँ ?
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बारिश के कारण
हेड सर के
खेत में
कटे धान
भस गए….
धान-तेरस !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.