लघुकथा: शराफत
सिगरट के कश लगाती हुई, नशे में धुत वो लड़की गिरने ही वाली थी कि दरबान ने उसे संभाल लिया।
“बास्टर्ड !! How dare you touch me? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की?” चेहरे पर पैसे की गर्मी लिए वो लड़की चिल्लाते हुए बोली।
“Where is the Manager? तुम्हें तो अभी नौकरी से निकलवाती हूं। थोड़ी सी भी शराफत होती तो डूब मरते।” कह कर वो दो कदम आगे बढ़ी ही थी कि “Leave it baby, क्यों अपना मूड खराब करती हो?”, कह उसके साथी ने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया।
लड़की कसमकसाई, पर जकड़ पक्की थी। बाहों के जाल से छूटने के चक्कर में वो धड़ाम से नीचे गिर गई। दरबान अब भी वहीं था, पर अब वो शराफत सीख चुका था।
अंजु गुप्ता