ईमानदार कवि
एकबार घर से सुदूर
‘मुगलसराय’ में
वे कैसे पहुँच गए,
घरवाले परेशान !
मिले, फिर उसे
घर लाया गया !
उनकी बूढ़ी माता
आज तक
उनके प्रति
हमेशा भय में
जीती थी ।
अब मुन्ना के
जाने के बाद
मातारानी पुत्र को
खोते हुए भी
जरूर निश्चिंत होगी
कि उनकी मरने के बाद
मुन्ना का देखभाल
आखिर कौन करता ?
मुन्ना ग्रामवासियों के बीच
प्राय: गाया करते थे-
‘ल से लातो दिया,
भ से भातो दिया….’
अब ऐसा ईमानदार क्या
कभी आ पायेगा ?