परम सत्य
गहरी नींद की सच्चाई मृत्यु है।
तल्लीनता का अनुभव,शांत चित
शून्य ही ••••••
उलझनो की आपाधापी से विमुख
दुनिया से दूर ,मिथ्या बंधन त्याग
ईश्वर से मिलकर
संसार से किनारा कर
बंद आँखे न खुल पायेगी।
होठो से न शब्द निकलेगे।
अंतिम यात्रा ही परम सच है।
जगत दुखो की खान ,ईश्वर मे विलीन हो
सच्चा सौदा जान
मृत्यु ही सुकून की निद्रा
मिथ्या जगत आधार
कर ईश्वर की बंदगी
मिटे कलेश विचार
— आकांक्षा