राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित हुए डॉ राकेश कुमार आर्य
उत्तर प्रदेश के राष्ट्रवादी इतिहास लेखक 54 वर्षीय डॉ राकेश कुमार आर्य को भारत सरकार द्वारा उनके ऐतिहासिक लेखन “भारत का 1235 वर्षीय स्वतन्त्रता संग्राम का इतिहास (भाग 1,2,3)” के लिए “राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार 2017” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें 8 अप्रैल 2020 को एक कार्यक्रम में केन्द्रीय मन्त्री के कर कमलों से मिलना था लेकिन कोरोना महामारी के चलते डाक से मिला। इसके अन्तर्गत उन्हें प्रशस्ति पत्र के साथ एक लाख रुपये की नकद राशि भी मिली।
डॉ राकेश कुमार आर्य दैनिक व साप्ताहिक समाचार पत्र “उगता भारत ” के संपादक भी हैं। इन्होंने सन् 712 ई. से सन् 1947 ई. तक के भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम को तकरीबन 40 पुस्तकों में लिखा है। यह अवधि 1235 साल होती है। छद्म इतिहासकारों द्वारा महावीर राणासांगा एवं महाराज जयचन्द के ऊपर लगाये गए मिथ्या आरोपों का खंडन भी इन्होंने किया है। साथ ही महाराणा कुंवर सिंह के प्रति ऐतिहासिक उदासीनता को चुनौती दी है। वीर सावरकर और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के व्यक्तित्व को उचित महत्व भी दिया है। जाने माने साहित्यकार एवं अन्तरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के वालंटियर डॉ अवधेश कुमार अवध ने भारत सरकार से मांग है कि विराट शोधों पर आधारित इन पुस्तकों को आधार मानकर नये पाठ्यक्रम लागू करे जिससे नई शिक्षा नीति के साथ नये भारत का निर्माण हो सके।
— डॉ अवधेश कुमार अवध