लघुकथा

माँ – सबसे प्यारी

पड़ोस के घर से दस वर्षीय बालक रोहन के जोर जोर से रोने की आवाज सुनकर निशा उसके घर जा पहुँची । बरामदे का दृश्य देखकर वह हतप्रभ रह गई । रोहन की माँ उसे बेतहाशा पिटती जा रही थी और रोहन रोते और हाथ जोड़ते हुए उसकी गोद में समाने की कोशिश कर रहा था । । निशा ने बीच बचाव करते हुए रोहन को पुचकारा और उसे अपनी तरफ खिंचना चाहा लेकिन सिसकते हुए रोहन ने एक नजर निशा पर डाली और फिर बढ़ गया अपनी माँ की तरफ, उसकी गोद में समाने के लिए

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।