प्रेम एक दिखावा
फख्त वहम है मेरा
मैं प्रेमी हूं किसी का
आज के इस दौर में
कौन प्रेमी
कौन प्रेमिका
पल पल बदलते रिश्ते
देखे आज के
जी लो गलत फहमियों में
मैं तुम्हारा
तुम मेरे
दिल बहलाने को
ग़ालिब ख्याल अच्छा है
आज का प्रेम
प्रेम कहां
एक आडम्बर है
हम जुड़े तुम जुड़े
एक दूजे से
लेकर अपना अपना स्वार्थ
यह नाता है तभी तक
जब तक न आजमाया जाएं
आजमाते ही देखो कैसे टूटता है
फिर मैं इस गली तुम उस गली