तुम न मिलते तो
तुम न मिलते तो
जब तुम मिले तो
शायद इसे किस्मत ही कह सकते हैं
बरसों बाद जीवन में फिर से बहार का एक
ठंडा झोंका गुजर सा गया ।
मैं फिर उन लम्हों में खो-खो जाता हूं
जिन्हें न जाने वक्त की चादर ने
कितनी ही तहों के भीतर छुपा लिया था।
कुछ सुलगते लम्हे थे
तो कुछ महकते
जैसे ताजा-ताजा फूल खिले हों ।
मैं उस स्कूल के दरवाजे को रोज
उसी तरह झुककर लांघता हूं
जिस तरह रोज तुम्हारे भेजे मैसेज पढ़ता हूं ।
मेरी बदली की खबर से जब सब
बच्चे रोने लगे थे और फिर
मैं भी रोया था
आज भी उस दृश्य से गुजरता हूं तो
मेरी आंखों से भी टप-टप आंसू
न जाने कैसे बहने लगते हैं ।
एक बार फिर मैं आप सब में खो जाता हूं
तुम्हारे वे सब नन्हे नन्हे चेहरे
मेरी नजरों में आज भी वैसे ही हैं
बेशक आज तुम बड़े हो गए हो मेरी तरह।
आज भी मेरी नजरों में
वे सब बच्चे वे सब घर-गांव
और धारें उसी तरह
पलकों पर ठहरी हुई हैं ।
जैसी मैं उन्हें आखरी बार छोड़कर आया था
ज्यों की त्यों सारी तस्वीरें
मेरे मानस पटल पर आज भी अंकित हैं।
लिस्ट लंबी है उस पड़ाव पर मिले
खूबसूरत लोगों की खूबसूरत यादों की
जिन्हें मैंने सीने की अलमारियों में
अपनी दौलत की तरह
आज भी संभाल कर रखा हुआ है ।
आज भी कभी-कभी उस दौलत को
मन की दीवारें फांद कर
सीने की अलमारियां खोल कर देख ही लेता हूं ।
तुम सब खुश रहें यही दुआ है
हम फकीरों का क्या नदिया से बिछुड़े
नीरों का क्या ..।
जब तक धड़कन है दिल में
दुआ है ये प्यार के रास्ते कभी खत्म न हों
सीने में तुम्हारी मोहब्बत की रोशनी जलती रहे
ताउम्र…।
तुम न मिलते तो
यह मन कभी बच्चा नहीं हो पाता
तुम मिले तो एक बार फिर उजड़े हुए चमन में
बहार आ गई और
मन बच्चों का तरह यादों में फिर रो पड़ा…।।