कविता

तुम न मिलते तो

तुम न मिलते तो

 

जब तुम मिले तो

शायद इसे किस्मत ही कह सकते हैं

बरसों बाद जीवन में फिर से बहार का एक

ठंडा झोंका  गुजर सा गया ।

 

मैं फिर उन लम्हों में खो-खो जाता हूं

जिन्हें न जाने वक्त की चादर ने

कितनी ही तहों के भीतर छुपा लिया था।

 

कुछ  सुलगते लम्हे थे

तो कुछ महकते

जैसे ताजा-ताजा फूल खिले हों ।

 

मैं उस स्कूल के दरवाजे को रोज

उसी तरह झुककर लांघता हूं

जिस तरह रोज तुम्हारे भेजे मैसेज पढ़ता हूं ।

 

मेरी बदली की खबर से जब सब

बच्चे रोने लगे थे और फिर

मैं भी रोया था

आज भी उस दृश्य से गुजरता हूं तो

मेरी आंखों से भी टप-टप आंसू

न जाने कैसे बहने लगते हैं ।

 

एक बार फिर मैं आप सब में खो जाता हूं

तुम्हारे वे सब नन्हे नन्हे चेहरे

मेरी नजरों में आज भी वैसे ही हैं

बेशक आज तुम बड़े हो गए हो मेरी तरह।

 

आज भी मेरी नजरों में

वे सब बच्चे वे सब घर-गांव

और धारें उसी तरह

पलकों पर ठहरी हुई हैं ।

 

जैसी मैं उन्हें आखरी बार छोड़कर आया था

ज्यों की त्यों सारी तस्वीरें

मेरे मानस पटल पर आज भी अंकित हैं।

 

लिस्ट लंबी है उस पड़ाव पर मिले

खूबसूरत लोगों की खूबसूरत यादों की

जिन्हें मैंने सीने की अलमारियों में

अपनी दौलत की तरह

आज भी संभाल कर रखा हुआ है ।

 

आज भी कभी-कभी उस दौलत को

मन की दीवारें फांद कर

सीने की अलमारियां खोल कर देख ही लेता हूं ।

 

तुम सब खुश रहें यही दुआ है

हम फकीरों का क्या  नदिया से बिछुड़े

नीरों का क्या ..।

 

जब तक धड़कन है दिल में

दुआ है ये प्यार के रास्ते कभी खत्म न हों

सीने में तुम्हारी मोहब्बत की रोशनी जलती रहे

ताउम्र…।

 

तुम न मिलते तो

यह मन कभी बच्चा नहीं हो पाता

तुम मिले तो  एक बार फिर उजड़े हुए चमन में

बहार आ गई और

मन बच्चों का तरह यादों में फिर रो पड़ा…।।

 

 

 

 

अशोक दर्द

जन्म –तिथि - 23- 04 – 1966 माता- श्रीमती रोशनी पिता --- श्री भगत राम पत्नी –श्रीमती आशा [गृहिणी ] संतान -- पुत्री डा. शबनम ठाकुर ,पुत्र इंजि. शुभम ठाकुर शिक्षा – शास्त्री , प्रभाकर ,जे बी टी ,एम ए [हिंदी ] बी एड भाषा ज्ञान --- हिंदी ,अंग्रेजी ,संस्कृत व्यवसाय – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी अध्यापक जन्म-स्थान-गावं घट्ट (टप्पर) डा. शेरपुर ,तहसील डलहौज़ी जिला चम्बा (हि.प्र ] लेखन विधाएं –कविता , कहानी , व लघुकथा प्रकाशित कृतियाँ – अंजुरी भर शब्द [कविता संग्रह ] व लगभग बीस राष्ट्रिय काव्य संग्रहों में कविता लेखन | सम्पादन --- मेरे पहाड़ में [कविता संग्रह ] विद्यालय की पत्रिका बुरांस में सम्पादन सहयोग | प्रसारण ----दूरदर्शन शिमला व आकाशवाणी शिमला व धर्मशाला से रचना प्रसारण | सम्मान----- हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत , हिमाचल प्रदेश सिमौर कला संगम द्वारा लोक साहित्य के लिए आचार्य विशिष्ठ पुरस्कार २०१४ , सामाजिक आक्रोश द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में देशभक्ति लघुकथा को द्वितीय पुरस्कार | इनके आलावा कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित | अन्य ---इरावती साहित्य एवं कला मंच बनीखेत का अध्यक्ष [मंच के द्वारा कई अन्तर्राज्यीय सम्मेलनों का आयोजन | सम्प्रति पता –अशोक ‘दर्द’ प्रवास कुटीर,गावं व डाकघर-बनीखेत तह. डलहौज़ी जि. चम्बा स्थायी पता ----गाँव घट्ट डाकघर बनीखेत जिला चंबा [हिमाचल प्रदेश ] मो .09418248262 , ई मेल --- [email protected]