अधूरा
जिंदगी क्या है-दो दिन का मेला है,
इस मेले में हर इंसान अकेला है।
रौशनी क्या है-बस चिरागों का रेला है,
इस चराग तले ही ज्यादा अंधेरा है।
प्रेम क्या है- चाहतों का खेला है,
इसमें हर पल बेबसी का बसेरा है।
आप क्या है- मेरी जिंदगी का सबेरा है,
आपके बिना ये जिंदगी अधूरा है।