कविता

तो क्या आश्चर्य ? 

काजल की कोठरी में

कोई भी सयाना जाएंगे ,

तो उसे थोड़ी-सी भी काजल

लगेंगे ही ।

‘इंसान’ की उत्पत्ति

अरबी शब्द ‘निसयान’ से हुई है ।

भावार्थ है,

निशा में विचरण करनेवाला

यानी निशाचर ।

ध्यातव्य है,

रावण ब्राह्मण थे ।

कथ्य है,

वाल्मीकि रामायण में

‘बुद्ध’ शब्दोल्लेख,

वेद में ‘नाई’ शब्दोल्लेख,

एक ही समय

श्रीविष्णु के अवतार

श्रीराम और आचार्य परशुरामजी का

एक-दूसरे के प्रति क्रोधित होना,

खड़ाऊँ यानी एक तरह के चप्पल का

14 वर्ष तक राज करना,

अत्यल्प उम्र की

अभिमन्यु-पत्नी उत्तरा के द्वारा

गर्भधारण,

शकुनि और युद्धिष्ठिर के बीच

जुए का ओलंपिक होना,

दृष्टिहीन का भारत-सम्राट बनाना,

कुम्भकर्ण जैसे विस्मित पात्र से

भेंट कराए जाने से लगता है,

भविष्य में

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद अगर ‘ब्रह्मा’,

गाँधी जी अगर ‘विष्णु’,

राजा विक्रमादित्य ‘इंद्र’,

स्वामी विवेकानंद ‘शिव’,

थेल्मा टाटा ‘लक्ष्मी’,

हेमा ‘पार्वती’

और सरोजिनी नायडू, लता मंगेशकर

अगर ‘सरस्वती’ भी कहलाये,

तो क्या आश्चर्य ?

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.