किसी का दर्द बांट लो
किसी का दर्द बांट लो
हो सके तो मानवता की उंगली थाम लो।
अपने हालात की मजबूरीयो से निकल
मजलुमो का दामन थाम लो।
बहुत लड़ लिए धर्म के नाम पर
थोड़ा भाईचारे से काम लो।
क्या रखा है फरेब के धंधों में
कुछ तो अपने जमीर से काम लो।
हद हो चुकी आपसी रंजिश की
इंसान का इंसानियत से थोड़ा नाता जोड़ लो।।