मकान
अभी मकान बनाया है दिल में
अब जाकर मुंडेर सजानी है
कहानियां लिखी हैं बहुत
जो दुनिया को सुनानी है
अंधेरा है शहर में चारों तरफ
बुझे चेहरों से गुफ्तगू करनी है
आग जो धधक रही अंदर
खाली दिलों में लौ जलानी है
अभी मकान बनाया है दिल में
अब जाकर मुंडेर सजानी है
कहानियां लिखी हैं बहुत
जो दुनिया को सुनानी है
अंधेरा है शहर में चारों तरफ
बुझे चेहरों से गुफ्तगू करनी है
आग जो धधक रही अंदर
खाली दिलों में लौ जलानी है