महिलाएं क्या चाहती हैं।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती है ।
बदलें में हर रिश्ते से,
फर्ज निभाती हुई भी जब अपमान ही पाती है ।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती है।।
शक्ति स्तंभ होते हुए भी ,
समर्पित कर देती हैं खुद को।
वह प्रेम में कहां….
कोई व्यापार चाहती हैं ।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती हैं।
बेटियां पराई है ।
बहू भी पराई है ।
वह अपने होने का एक अलग एहसास चाहती हैं ।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती हैं।
ना देह से आंकी जाए ।
ना वस्तु समझ कर जांची जाए।
जो सृजक है पूरे संसार की ,
अपने संसार का अधिकार चाहती हैं ।
महिलाएं तो बस सम्मान चाहती हैं।।
— प्रीति शर्मा “असीम”