गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

आस से गुज़रो,
पास से गुज़रो।
शिद्दत वाली,
प्यास से गुज़रो।
मत रोज़ ही,
त्रास से गुज़रो।
नाचो – गाओ,
रास से गुज़रो।
आती – जाती,
साँस से गुज़रो।
आम नहीं ‘जय’,
ख़ास से गुज़रो।
— जयकृष्ण चांडक ‘जय’

*जयकृष्ण चाँडक 'जय'

हरदा म. प्र. से