कैप्टन
आज सुबह-सुबह मोबाइल ने समाचार पत्र का एक समाचार दिखाया-
सीजफायर उल्लंघन पर भारत का पाक को जवाब, 7 चौकियां तबाह, कई पाकिस्तानी सैनिकों की मौत
फिर एक तस्वीर दिखाई. तस्वीर क्या थी! विचारों का मंथन करवाने वाली अद्भुत लहर थी. इसी लहर ने उर्मिल को स्मृतियों के दरीचे में पहुंचा दिया.
तस्वीर एक मॉडल की लग रही थी, जिसमें एक युवक शेफ भी लगता था, तो पिस्तौल जैसे लाइटर से आग से खेलता हुआ भी लग रहा था. यह उसका बेटा वरुण तो नहीं था!
आज उसका बेटा वरुण भारतीय वायुसेना में कैप्टन है. लेकिन शुरु से ही उसका लक्ष्य कैप्टन बनना नहीं था. वह बचपन से ही नामी शैफ बनना चाहता था. छोटी-सी उम्र से अपना नाश्ता खुद बनाना उसका शौक था. वह सेना में जाने का शौकीन भी था. ‘स्टार वॉरियर’ के खिलौनों से खेलना उसका जुनून था. ‘स्टार वॉरियर’ की नीली टी शर्ट भी उसकी पसंदीदा टी शर्ट थी. मॉडलिंग और ऐक्टिंग में भी उसे कमाल हासिल था. तकनीकी ज्ञान का भंडार वरुण की घर में तकनीकी सलाहकार (टेक्नीकल कंसलटंट) की छवि भी बनी हुई थी. कहने का तात्पर्य यह कि उसके सामने अनेक विकल्प हाजिर थे.
फिर उसके जिगरी दोस्त भारतीय सेना में जाने की राह पर चल पड़े थे, तो उसने भी कैप्टन बनने का इरादा कर लिया था.
आज उसी बेटे वरुण ने पाक की 7 चौकियों को तबाह करने में अहम भूमिका निभाई थी. भारत को ही नहीं पाक की सेना भी उस जांबाज को सलाम कर रही थी. अब वह घायल कैप्टन ठीक होकर घरवालों से मिलने 15 दिन के लिए घर आया हुआ था.
कभी-कभी जिंदगी अचानक ऐसा मोड़ ले लेती है, कि इंसान क्या-से-क्या बन जाता है? वरुण हमारी पड़ोसिन उर्मिल का बेटा है. यह कथा अगस्त 2019 में लिखी गई थी, जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने से बौखलाया पाकिस्तान लगातार संघर्षविराम उल्लंघन कर रहा था.