महादेव
नीलकंठ वो है गंगाधर
मृत्युंजय, अज,भूपति
हर शिव शंभु, हे महादेव
वीरभद्र वो है पिनाकी
रहते सदैव भी एकांकी
गिरीश,अघन, जटा धारी
हर शिव शंभू, हे महादेव
शक्ति बिन शिव शव समान
दिनन का वो रखते मान
सामप्रिय,त्रियमूर्ति,प्रजापति
हर शिव शंभू, हे महादेव
भोले है वो निर्मल स्वभाव
शमशानों में रहते फिर भी पवित्र
अष्टमूर्ति, दिगंबर,पशुपति
हर शिव शंभू, हे महादेव
— उषा सोलंकी