कविता

राष्ट्रीय मेधा-दिवस

पहलीबार

देशवासियों द्वारा,

तो दूसरी बार

भारत सरकार द्वारा।

देश के सबसे मेधावी छात्र,

जो दो-दो बार ‘भारत रत्न’,

क्योंकि

यह अलंकरण

मिलने से पहले ही

वे ‘देशरत्न’ भी रहे,

साथ ही

भारतीय संविधान की

निर्मात्री सभा के

एकमात्र पूर्णकालिक अध्यक्ष,

देश के प्रथम राष्ट्रपति,

देश के सर्वाधिक समय तक

राष्ट्रपति रहे

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की

जन्मतिथि

और पुण्यतिथि में

सार्वजनिक अवकाश

नहीं रहती,

किन्तु उनकी जन्मतिथि पर

राष्ट्रीय मेधा-दिवस के रूप में

मनाए जाते हैं ।

उनके अतुलनीय मेधावी

रहने के कारण ही

यह दिवस

मनाये जाते हैं।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.