चट मंगनी, पट ब्याह
चट मंगनी, पट ब्याह !
चाइनीज़ या विदेशी फ़ास्टफूड से
बेहतर है
यह स्वदेशी ‘फूड’
यानी ठेकुआ, निमकी, कचौड़ी
और मिलाइके रपेट ल
‘सोयाबीन-अल्लू’ की
झोड़वाली सब्जी संगे हो !
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जिन्हें गुस्सा आता है
वो लोग सच्चे होते हैं,
मैंने झूठों को अक्सर
मुस्कराते देखा है !
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अमिताभ जी के बहाने-
गिरना भी अच्छा है
औकात का पता चलता है;
बढ़ते हैं जब हाथ लोगों के उठाने को
अपनों का पता चलता है !
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सीख रहा हूँ अब मैं भी
इंसानों को पढ़ने का हुनर;
सुना है चेहरे पे….
किताबों से ज्यादा लिखा होता है !