जुकाम की सरल चिकित्सा
सर्दी के मौसम में होने वाले जुकाम का पूरा और पक्का इलाज आप स्वयं सरलता से कर सकते हैं। आप जानते होंगे कि हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं- कफ, वात और पित्त। जब तक ये तीनों दोष संतुलन की अवस्था में रहते हैं, तब तक शरीर स्वस्थ रहता है और किसी एक या दो की अधिकता या कमी हो जाने पर शरीर में विकार उत्पन्न हो जाते हैं। आम तौर पर होने वाला जुकाम कफ की अधिकता के कारण होता है।
हम जो खाते हैं, उसे अच्छी तरह पचा नहीं पाते, क्योंकि हम पर्याप्त शारीरिक श्रम या व्यायाम नहीं करते। अतः हमारे शरीर में कफ एकत्र हो जाता है। जब तक शरीर उसको संभाले रहता है, तब तक हम स्वस्थ रहते हैं या स्वस्थ मालूम पड़ते हैं, लेकिन कफ एक सीमा से अधिक हो जाने पर शरीर अचानक ठण्ड लगने पर या किसी अन्य बहाने से उसको नाक और गले के रास्ते निकालना शुरू कर देता है। उसी को हम जुकाम कहते हैं।
इससे स्पष्ट है कि जुकाम वास्तव में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि हमारे शरीर को अनावश्यक कफ से मुक्त करने का प्रकृति का प्रयास है। हम उस कफ को निकालने में प्रकृति की सहायता करके अति शीघ्र जुकाम से मुक्ति पा सकते हैं और पहले से अधिक स्वस्थ हो सकते हैं। यह एक भ्रम है कि जुकाम किसी रोगाणु के कारण होता है।
इसलिए जुकाम होते ही सबसे पहले तो हमें कफ पैदा करने वाली सभी चीजों जैसे चिकनाई, मैदा, तली हुई चीजें, बाजारू फास्ट फूड आदि को खाना-पीना बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही नाक या गले से निकलने वाले कफ को रूमाल से पोंछकर साफ करते रहना चाहिए। भूलकर भी कफ को वापस अन्दर न खींचें। जितना अधिक कफ बाहर निकलेगा, उतनी ही जल्दी आप स्वस्थ होंगे। अनावश्यक कफ निकल जाने पर जुकाम अपने आप बंद हो जाता है और शरीर बहुत स्वस्थ हो जाता है। यदि आप दवाएं खाकर कफ का निकलना रोक देंगे तो वही कफ आगे चलकर ब्रोंकाइटिस, दमा, एलर्जी जैसे अनेक रोग पैदा करेगा। इसलिए भूलकर भी जुकाम में कोई दवा नहीं लेनी चाहिए।
कफ सरलता से निकले इसके लिए गुनगुना पानी पीना लाभदायक होता है। जब भी प्यास लगे या नियमित अंतरालों पर एक गिलास गुनगुना पानी दिनभर पीते रहिए और उतनी ही बार मूत्र विसर्जन भी कीजिए। इससे शरीर में आवश्यक गर्मी बनी रहेगी और सफाई भी होती रहेगी। गुनगुने पानी में आप नीबू भी डाल सकते हैं। नीबू से कफ निकलने में सहायता मिलती है। हल्का व्यायाम भी कीजिए और गीले कपड़े से रगड़ते हुए नहाइए। नहाने के बाद थोड़ी देर धूप अवश्य खानी चाहिए। इससे कफ को निकलने में बहुत सहायता मिलेगी। यदि भाप स्नान या धूप स्नान की सुविधा हो तो वह भी कर सकते हैं।
3-4 दिन इतना करने से शरीर का समस्त फालतू कफ प्राकृतिक रूप से निकल जाता है। इस समय आप पहले से अधिक हल्का और स्वस्थ अनुभव करते हैं तथा बड़ी बीमारियों से भी बचे रहते हैं। जिन लोगों को लगातार जुकाम बना रहता है, वे प्रारम्भ में दो-तीन दिन का उपवास भी केवल जल पीकर कर लें, तो बहुत जल्दी इससे छुटकारा पा सकते हैं।
— डाॅ विजय कुमार सिंघल