छोटी छोटी आँखों के बड़े ख्वाब
इंतज़ार है उस पल का ,
जब पुरा होगा ख्वाब,
मिलेगी मंजिल वो,
तो देखी है इन आँखों ने,।।
बहुत सी आशा है इनमें,
ख्वाब है बड़े बड़े ,
जो देखे जागते हुए,
इन छोटी छोटी आँखों ने ।।
हर दिन कोशिश होती,
हिम्मत टूटती रोज ,
रोज मिलती नई उम्मीद,
कदम उठाते फ़िर,
करने पूरे ख्वाब ,
जो बसे इन आँखों में है ।।।
— डॉ सारिका औदिच्य