कविता

नीले परिंदे और….

उर्दू उपन्यासकार

इब्ने सफी ने

साथ के दशक में

उपन्यास ‘नीले परिन्दे’ लिखा,

जो कि उसी दशक में

प्रकाशित हुई थी ।

सन 2009 में

हार्परकॉलिंस

पब्लिशर्स इंडिया ने

हिंदी में

यह उपन्यास छापी ।

इस उपन्यास में

तब ही

उन्होंने

उन लोगों का

पर्दाफ़ाश किया है,

जो जहरीले वायरस की

ईज़ाद करते हैं

तथा लोगों को

इनसे मारते हैं ।

‘कोरोना’ जैसे

हिंसक वायरस की

उत्पत्ति ‘नई’ नहीं है !

घर पर

उपन्यास

और विविध कहानियाँ

पढ़ने में जुट गया हूँ !

××××

भारत के इतिहास में

बलदियाबाड़ी का युद्ध

कटिहार जिला में अगर

नवाब शौक़तजंग

खेत नहीं होते,

तो देश

अंग्रेजों का कभी

गुलाम न होते !

अभी दूसरे की गली में

कुत्ता ‘शेर’ है !

गली, मोहल्ले,

चौक, चौराहों पर

मनुष्य नहीं,

कुत्ते घूम रहे;

कोरोना से

मुकाबला

वे ही कर रहे !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.