दोस्ती का रंग
दोस्ती का रंग हमसे पूछिए
ज़रा सा हमसे दिल लगाकर
ज़रा सा मुस्कुरा कर देखिए।
दोस्ती होती नहीं है मोहब्बत से कम
ज़रा हमारे साथ चल कर,
ज़रा सा हमारे रंग में खुद रंग कर देखिए।
दोस्ती होती नहीं है आशिकी से कम
ज़रा सा हमसे रूठ कर,
ज़रा सा हमको मना कर देखिए।
दोस्ती होती नहीं है आवारगी से कम
ज़रा सा हमसे आंख मिलाकर,
ज़रा सा हमारा हाथ थाम कर देखिए।
दोस्ती का रंग हमसे पूछिए
ज़रा सा हमसे दिल लगाकर,
ज़रा सा मुस्कुरा कर देखिए।
— राजीव डोगरा ‘विमल’