होली में
रंग चलायें जी भर लेकिन जी न जलाएं होली में
आग लगाएं दाग छुङायें राग बढाये होली में
होली के रंगों से जीवन भर हर रंग छलकता है
अपनी पसन्द का रंग लगाएँ ढंग चुराए होली में
जीवन के हर पल में उमंगें नित अंगङाइया लेतीं हैं
नित-नूतन उल्लास जगाएं होली मनाएं होली में
हंसना जरूरी है होली में चुपके बोली होली
इनको हिलायें उनको डुलाये कुछ तो पिलाएं होली में
बेशक लिखना हास्य कठिन है उससे मुश्किल प्रस्तुति है
व्यंग्य सुनायें होली गायें हंसिये हंसाये होली में
ऑखों में हर शख्स की झाँके बात करें संवाद करें
ऐसी गजलें ‘शान्त’ कहें जो रंग जमायें होली में
— देवकी नन्दन ‘शान्त