होली में
है अजब सब का हाल होली में।
रंग से लाल गाल होली मैं।
करते फिरते धमाल होली में।
बदली बदली सी चाल होली में।
हों अगर खुश खयाल होली में।
फिर न हो कुछ बवाल होली में।
खूब गोरा है तन बदन उनका,
हो गयी लाल खाल होली मे।
आज मौसम हँसी ठिठोली का,
मन में नफरत न पाल होली में।
हो न माहौल बदनुमा हरगिज़,
कीजिये देख भाल होली में।
खूब करना हँसी ठिठोली सब,
कुछ न रखना मलाल होली में।
— हमीद कानपुरी