कविता
नसीब वालों का इश्क मुक्कमल होता है।
आसमां ज़मीं से कभी मिल नहीं पाता है।।
नदी का समन्दर में मिलना संभव होता है।
समन्दर का नदी में आकर समाना
संभव नहीं होता है।।
आंधी गरीबों का छप्पर उड़ा ले जाता है।
अमीरों के महराज को खरोंच भी नहीं आता है।।
दो रोटी चुराने वाला चोर कहा जाता है।
सफेद कालर वाला घोटाले करने पर भी बच जाता है।
साहिल की ओर जब लहरों का टकराना होता है।
लहरों से साहिल को प्रगाढ़ प्रेम हो जाता है।।
तकदीर की बात है कोई चांदी का
चम्मच लिए पैदा होता है।
कोई शहर के नाले या गटर में फेंका जाता है।
ये दुनिया रंग-रंगीली है, कौन किस रंग में रंगता है।
सृष्टिकर्ता ही इस बात को समझ पाता है।।
— मंजु लता