लघुकथा

व्यंग- खास आदमी

“हैलो दारोगा विधायक का खास आदमी बोल रहा हूँ,
जिसकी बाइक पकड़ रखी वो मेरा खास आदमी है!
खास मतलब विधायक के बुआ के ससुर के साले के मौसी के बहु के भाई के मौसा के बुआ के ननद के सास के समधी के दामाद के चचेरे भाई का साढू का मौसेरा भाई हूँ!
दारोगा सिर खुजाते बोले- “अरे भाई विधायक कौन से  रिश्तेदार हो?
फिर वही जवाब विधायक का खास आदमी हूँ, जिसकी गाड़ी पकड़ रखी वो मेरा खास आदमी है समझे गाड़ी छोड़ दो!!
— अभिषेक राज शर्मा

अभिषेक राज शर्मा

कवि अभिषेक राज शर्मा जौनपुर (उप्र०) मो. 8115130965 ईमेल [email protected] [email protected]